बांग्लादेश की राजधानी ढाका से करीब 80 किलोमीटर दर खेतों के बीच दो कच्चे घर बने हैं। इन्हीं में से एक 25 साल के दीपू चंद्र दास का है। 18 दिसंबर की रात दीपू को भीड ने डशनिंदा के आरोप में पीट-पीटकर मार डाला। इसके बाद उसकी डेडबॉडी जला दी गर्ड।
दीप् के परिवार को न सुरक्षा मिली, न गांव से कोई दिलासा उल्टा, उसके एक रिश्तेदार को बाजार में भीड ने पीट दिया अब परिवार को धमकी मिल रही है कि घर छोडकर चले जाओ। डर की वजह से दीपू के परिवार ने घर की दीवार पर एक पोस्टर चिपका दिया है। उस पर लिखा है-'ईशनिंदा के आरोप झठे हैं।"' दिव्या स्टार न्यूज़ के सहयोगी अमानुर रहमान ने दीप् के माता-पिता से बात की
सवाल: दीपू से आखिरी बार कब और क्या बात हुई थी उनकी हत्या के बारे में कैसे पता चला?
जवाबः दीप कपडे की फैक्टरी में ढाई साल से काम कर रहा था। सुबह 5 बजे मैंने उससे बोला कि घर में खाने के लिए कुछ नहीं है। दीपू बोला कि शाम को लौटते हुए चावल लेकर आऊंगा। डसके बाद वो काम पर चला गया। शाम को हमन फेसबुक पर एक वीडियो देखा। लोग दीपू को पीट रहे थे उसे पेड़ से लटका दिया। कछ देर बाद दीप् के एक दोस्त क फोन आया। उसने बताया कि फैक्ट्री के अंदर क्या हुआ है।
सवाल: दीपू की हत्या किसने की है, आपको क्या पता चला?
पहले उसकी फैक्टी के लोगों ने ही पीटा, फिर भीड जवाबः के हवाले कर दिया। सोचिए कोई ऐसा कैसे कर सकता है
सवालः दीप् को पहले कभी फैक्ट्री में किसी ने धमकी दी थी?
जवाबः नहीं, दीपू बहुत ही सुलझा हुआ लड़का था वो किसी से ज्यादा बात नहीं करता था। इस तरह के लड़ाई-झगड़े सें दूर रहता था। अगर ऐसी कोई बात होती त मुझे, या अपने पापा को या पत्नी को तो बताता। उसने कभी कुछ नहीं कहा
सवालः क्या आपको सरकार की तरफ से कोर्ड मदद मिरल है, कोई लीडर आपके घर आया.
जवाबः कोई नहीं आया। मदद की बात छोड़िए, लोग हमसे बात भी नहीं कर रहै।

