एक जुलाई से लागू बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) के मुकदमे में प्रदेश की पहली व देश की दूसरी सजा जिले में सुनाई गई है। मानसिक रूप से विक्षिप्त किशोरी से दुष्कर्म के मामले में आरोप तय होने के 29वें दिन दोषी को 20 वर्ष की जेल की सजा सुनाते हुए 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
मिशन शक्ति अभियान के तहत यह निर्णय पाक्सो की विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेंद्र मोहन सहाय ने सुनाया। दोषी पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। इसमें से 40 हजार रुपये पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में देने के आदेश दिए हैं। देश की पहली सजा सारण (बिहार) में ने तिहरे हत्याकांड में सुनाई गई थी। विशेष लोक अभियोजक ने बताया से कि 19 जुलाई को 11 वर्षीय किशोरी से घर के बाहर बैठी थी। भरत भूषण से उर्फ सोनू ने 10 रुपये का लालच देकर किशोरी से दुष्कर्म किया। गांव के एक युवक ने मोबाइल से वीडियो बना लिया। किशोरी के पिता की तहरीर पर पुलिस ने बीएनएस की धारा 65 (2) में भरत भूषण के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत किया और गिरफ्तार कर लिया। 21 सितंबर को भरत पर आरोप तय किए गए। कोर्ट ने 23 सितंबर को साक्ष्य पेश करने के किये तारीख दी। पीड़िता की गवाही व चश्मदीद युवक के बयान महत्वपूर्ण साबित हुए। साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर अदालत ने शनिवार को भरत को दोषी करार देते हुए निर्णय सुनाया। विशेष लोक अभियोजक महेश सिंह का कहना है कि मिशन शक्ति अभियान के तहत प्रभावी तरीक से पैरवी की गई