दीपावली के पावन त्यौहार की उन सभी पुलिस के रियल हीरो को भी बहुत-बहुत शुभकामनाएं व बधाई जो अपने परिवार को छोड़कर हमारी सुरक्षा के लिए 24 घंटे मुस्तैद रहते हैं!
जब भी हम पर कोई मुसीबत या संकट आता है पड़ोस में रहने वाला सगा भाई काम नहीं आता है लेकिन 24 घंटे एक कॉल पर उपस्थित होने वाले पुलिस के उन जवानों को भी सलाम🫡🫡🫡
पुलिस पर मेरी सोच
इनकी सुबह होती ना..ना होती है इनकी शाम
मेरी पीड़ा बस इतनी ..इनको मिलता नहीं क्यूँ सम्मान
ये कैसा गौर है..ये कैसा शौर है
ये करते है पहरेदारी..फिर भी ये ही चोर है
हम मनाते ईद *दीवाली*..रहकर अपनों के साथ
छोड़ फॅमिली करते रक्षा ..हम पर हो जाये ना आघात
करते दंगा हम आपस में..देते है ये सीना तान
मेरी पीड़ा बस इतनी..इनको मिलता नहीं क्यूँ सम्मान
एक बार तो सोच के देखो ..गर ये ना होते मंज़र होता कैसा..यहाँ पर होता जंगलराज
मेरी माता, मेरी बहना, किस्से अपने दुखड़े रोती.. कैसे बचाती अपनी लाज
गरीब आदमी शरीफ आदमी कैसे हो जाते.. मोहताज
हम चाहते है.. ये बने रहे सदैव हमारे सर के ताज
सुनसान जगह पर इन्हें देखकर आती है जान में जान
मेरी पीड़ा बस इतनी.. इनको मिलता नहीं क्यूँ सम्मान
ये कैसे आरोप गढ़ें है..ये कैसी गुणा भाग है
बईमान है ..जनता सारी..फिर भी कहती इनमे दाग है
जनता मिष्टान बताकर खुद करती है रिश्वत ऑफर
पर मेरा मन खुश होता है ..ऐसी पुलिस व्यवस्था पाकर
पुलिस व्यवस्था से पाता हूँ.. मैं अपने सारे सम्मान
मेरी पीड़ा बस इतनी सी.. इनको मिलता नहीं क्यूँ सम्मान
मैंने देखा है इसे सड़क पर
धूप धूल धुंए में अटकरv
ड्यूटी देता है ये जमकर
पर एक कॉल आ जाये फोन पर
और ये सुन ले इसको पलभर
मेरा मन होता परेशां
बेबस रह जाता ये सौ सौ गाली खाकर
जनता कहती खुद को महान्
सड़क पर चलती सीना तान
खुद करती है ट्रैफिक जाम
देती फिर इनपर इल्ज़ाम
सौ सौ घण्टे हो बेहाल
फिर भी रहती है नाकाम
इनका एक नोजवान पल भर में खुलवाता जाम
मेरी पीड़ा बस इतनी सी इनको मिलता नहीं क्यों सम्मान
आज शाम को इनके नाम
मैं भी खीचूँगा एक पटियाला जाम
मेरी पीड़ा बस इतनी सी इनको मिलता नहीं क्यूँ सम्मान
*इस दीपावली अपनी सोच बदलो यूपी पुलिस रियल हीरो मिशन में जोड़ें*
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*पत्रकार फरमान हिंदुस्तानी*