मथुरा। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर परिसर में स्थित तोषखाने में रविवार को लगातार दूसरे दिन फिर जांच शुरू हुई। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित उच्चाधिकार प्रबंधन समिति के निर्देश पर खोले गए तोषखाने में शनिवार को तहखाने में बने तोषखाने तक टीम पहुंच गई थी। शनिवार को चार लोहे के बक्से मिले थे, जिनमें दो को खोला गया, उसमें बर्तन और चांदी का एक छोटा छत्र मिला था।तोषखाने में एक और कमरा निकला, बाक्स में मिलीं सोने और चांदी की छड़ी रविवार दोपहर डेढ़ बजे फिर तोषखाने का मुख्य दरवाजा खोला गया। टीम ने शेष दो लोहे के बाक्स खोले तो उनमें भी बर्तन मिले। यहां स्थित तहखाने में कुछ भी नहीं था। तहखाने की एक दीवार में करीब दो गुणा दो गुणा एक अन्य रास्ता मिला, दीवार से सटा ही एक कमरा मिला। इस कमरे में एक बाक्स मिला। इसमें करीब तीन फीट की एक सोने की छड़ी और इससे थोड़ी छोटी दो चांदी की छड़ी मिली हैं। साढ़े तीन बजे तक टीम तोषखाने में ही मौजूद थी।
दूसरे दिन भी खुला ठाकुर बांके बिहारी मंदिर का खजाना
ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर परिसर में स्थित खजाना अंतिम बार 1971 में खुला था। 54 वर्ष से यह खजाना बंद था। हालांकि जब 1971 में यह खजाना खुला तब सारा सामान एक बक्से में बंद कर भारतीय स्टेट बैंक के लाकर में रख दिया गया था। ऐसे में जब शनिवार को 54 वर्ष बाद खजाना खोला गया तो उसमें पुराने बर्तन और एक छोटा चांदी का छत्र ही मिला। शनिवार को मिले लोहे के चार संदूक में दो ही खोले गए थे। जबकि एक लकड़ी का पुराना संदूक भी खोला गया था, जिसमें ज्लैवरी के खाली बाक्स मिले थे।