अलीगढ़। अलीगढ़-पलवल हाईवे पर तहसील खैर में बहुप्रतीक्षित बाईपास का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। लगभग 10 साल के लंबे इंतजार के बाद सोमना मार्ग से गांव जरारा तक काम ने गति पकड़ ली है। यह बाईपास खैर और जट्टारी में घंटों लगने वाले जाम से मुक्ति दिलाएगा।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा तैयार की गई खैर-जट्टारी फोरलेन बाईपास की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को शासन से मंजूरी मिल गई थी। इस परियोजना के तहत खैर में 10 किलोमीटर और जट्टारी में 5.5 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क का निर्माण किया जाएगा। बाईपास निर्माण के लिए कुल 29 गांवों की जमीन चिह्नित की गई है।
अलीगढ़। अलीगढ़-पलवल हाईवे पर तहसील खैर में बहुप्रतीक्षित बाईपास का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। लगभग 10 साल के लंबे इंतजार के बाद सोमना मार्ग से गांव जरारा तक काम ने गति पकड़ ली है। यह बाईपास खैर और जट्टारी में घंटों लगने वाले जाम से मुक्ति दिलाएगा।
नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा तैयार की गई खैर-जट्टारी फोरलेन बाईपास की डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) को शासन से मंजूरी मिल गई थी। इस परियोजना के तहत खैर में 10 किलोमीटर और जट्टारी में 5.5 किलोमीटर लंबी फोरलेन सड़क का निर्माण किया जाएगा। बाईपास निर्माण के लिए कुल 29 गांवों की जमीन चिह्नित की गई है।
महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास
67 किलोमीटर लंबा अलीगढ़-पलवल हाईवे टप्पल इंटरचेंज के पास यमुना एक्सप्रेसवे से मिलता है। यह अलीगढ़ को सीधे हरियाणा के पलवल जिले से जोड़ता है। यमुना एक्सप्रेसवे के माध्यम से यह नोएडा सहित एनसीआर, आगरा और मथुरा से भी बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करता है। लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड ने 552 करोड़ रुपये की लागत से इस हाईवे का निर्माण कराया था। खैर और जट्टारी में बाईपास न होने के कारण इस हाईवे पर लगातार जाम की समस्या बनी रहती थी, जिससे बचने के लिए लंबे समय से इन बाईपास की मांग हो रही थी।
अलीगढ़-पलवल हाईवे पर ही अलीगढ़ की कई बड़ी विकास परियोजनाएं संचालित हो रही हैं, जिनमें खेरेश्वरधाम मंदिर, राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, ट्रांसपोर्ट नगर, ग्रेटर अलीगढ़, डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, इंडियन बॉटलिंग प्लांट और बीज निगम के गोदाम शामिल हैं। बाईपास के निर्माण से इन क्षेत्रों में आवागमन और भी सुगम हो जाएगा, जिससे क्षेत्र के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
लंबे समय से आ रही थी अड़चन
बाईपास के निर्माण में देरी का मुख्य कारण लोक निर्माण विभाग और नेशनल हाईवे अथॉरिटी (एनएचएआई) के बीच विभागों का उलझना था। दरअसल, लोक निर्माण विभाग ने अलीगढ़-पलवल हाईवे का निर्माण कराया था, जिसके बाद इसे एनएचएआई में शामिल कर लिया गया। इस विभागीय उलझन के कारण दोनों बाईपास के निर्माण को मंजूरी नहीं मिल पा रही थी। कुछ समय पहले एनएचएआई ने दोनों बाईपास के निर्माण का प्रस्ताव तैयार कर इसकी डीपीआर शासन को भेजी, जिसके बाद अब जाकर इसका निर्माण शुरू हो सका है।